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कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारतीय सिनेमा की ऐतिहासिक जीत

कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारतीय सिनेमा की ऐतिहासिक जीत
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कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारतीय सिनेमा की ऐतिहासिक जीत

| मुख्य घटना | विवरण | |---------------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | फिल्म और निर्देशक | पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट ने 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में ग्रां प्री जीता। | | ऐतिहासिक उपलब्धि | कान्स में ग्रां प्री जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता, जो कान्स में दूसरा सर्वोच्च सम्मान है। | | फिल्म की थीम | दो नर्सों के जीवन पर केंद्रित, उनके अनुभवों की पड़ताल करती है। | | पामे डीओर नामांकन | कान्स में सर्वोच्च पुरस्कार, पामे डीओर के लिए नामांकित। | | सह-निर्माण की स्थिति | सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारत-फ्रांस सह-निर्माण का दर्जा प्राप्त। | | फिल्मांकन स्थल | महाराष्ट्र के रत्नागिरि और मुंबई में सरकारी अनुमति के साथ फिल्माई गई। | | वित्तीय सहायता | भारत की प्रोत्साहन योजना के तहत सह-निर्माण व्यय का 30% प्राप्त। | | FTII की उपलब्धियाँ | चिदानंद एस नायक ने सनफ्लावर्स वेयर द फर्स्ट वंस टू नो के लिए ला सिनेफ में प्रथम पुरस्कार जीता। | | | मैसम अली की फिल्म इन रिट्रीट ACID कान्स साइडबार प्रोग्राम में दिखाई गई। | | श्याम बेनेगल की फिल्म | मंथन को कान्स के क्लासिक सेक्शन में प्रदर्शित किया गया, जो 48 साल बाद दिखाई गई। | | पुरस्कार और सम्मान | संतोष सिवन ने पियरे एंजेनियस श्रद्धांजलि पुरस्कार जीता, जो इसे जीतने वाले पहले एशियाई बने। | | | अनसूया सेनगुप्ता ने द शेमलेस के लिए एन सर्टेन रेगार्ड में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। | | भारत पैवेलियन | NFDC द्वारा आयोजित, 500+ B2B बैठकों का आयोजन किया और कान्स में पहली बार भारत पर्व का आयोजन किया। | | सरकारी पहल | संयुक्त निर्माण का समर्थन, सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, और भारत को एक वैश्विक कंटेंट हब के रूप में स्थापित करने के प्रयास। |

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