भारत अंटार्कटिक पर्यटन के नियमन पर चर्चा का नेतृत्व करेगा
| पहलू | विवरण | |--------------------------------------|----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | आयोजन | 46वीं अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री बैठक (ATCM) और पर्यावरण संरक्षण समिति (CEP) की 26वीं बैठक | | तारीखें | 20 मई से 30 मई, 2024 | | स्थान | कोच्चि, केरल, भारत | | आयोजक | नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR), गोवा, और अंटार्कटिक संधि सचिवालय | | प्रतिभागी | लगभग 40 देशों के 350 से अधिक प्रतिभागी | | मुख्य विषय | अंटार्कटिका में पर्यटन को नियंत्रित करना | | भारत की भूमिका | भारत 1983 से अंटार्कटिक संधि का परामर्शदात्री पक्ष है और पर्यटन नियमन पर चर्चा को संचालित करेगा | | मुख्य व्यक्तित्व | डॉ. एम रविचंद्रन (सचिव, MoES), डॉ. विजय कुमार (सलाहकार, MoES), राजदूत पंकज सरन (अध्यक्ष) | | भारत का योगदान | अनुसंधान केंद्रों की स्थापना, वैज्ञानिक कार्यक्रम, पर्यावरण नियमन, और संधि के अन्य सदस्यों के साथ सहयोग | | पर्यटन नियमन | 46वीं ATCM में समर्पित कार्यदल का गठन; 2022 में भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम लागू | | ऐतिहासिक भागीदारी | 2022 में 10वीं SCAR सम्मेलन की मेजबानी, दक्षिणी महासागर में 11 भारतीय अभियान, 2007 में 30वीं ATCM की मेजबानी | | अंतर्राष्ट्रीय सहयोग | नॉर्वे और यूके के साथ सहयोग | | भविष्य की दिशाएँ | कनाडा और बेलारूस को परामर्शदात्री पक्ष के रूप में शामिल करने पर चर्चा | | मुख्य सत्र | डॉ. शैलेश नायक का व्याख्यान अंटार्कटिका और जलवायु परिवर्तन; पवन कपूर (सचिव, MEA) की उपस्थिति |

