भारत ने स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-II का सफल परीक्षण किया
| पहलू | विवरण | |--------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम्-2 की सफल उड़ान परीक्षण। | | तारीख/स्थान | ओडिशा तट से सु-30 एमकेआई लड़ाकू विमान का उपयोग करके परीक्षण किया गया। | | विकासकर्ता | रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित। | | उद्देश्य | दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को दबाने (SEAD) के लिए डिज़ाइन किया गया। | | क्षमताएं | - दुश्मन के ग्राउंड राडार और संचार स्टेशनों को निशाना बनाता है। | | | - सॉलिड-प्रोपेल्ड एयर-लॉन्च सिस्टम से लैस है। | | | - लॉन्च के बाद स्वायत्त लक्ष्य अधिग्रहण के लिए आंतरिक मार्गदर्शन प्रणाली है। | | परीक्षण परिणाम | सभी परीक्षण उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया, विश्वसनीयता और प्रभावशीलता की पुष्टि की। | | सत्यापन | रेंज ट्रैकिंग उपकरणों से डेटा इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन को साबित करता है। | | प्रमुख व्यक्तित्व | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और रक्षा उद्योग के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की। | | संबंधित विकास | - रुद्रम्-1: उन्नत सीकर प्रौद्योगिकियाँ, गति और रेंज क्षमताएं। | | | - नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल (NGARM): भविष्य की हवाई लड़ाई में सुधार के लिए योजनाबद्ध। | | साझेदारी | डीआरडीओ और अडानी डिफेंस जैसे उद्योग खिलाड़ियों के बीच सामूहिक उत्पादन के लिए सहयोग। | | भविष्य की संभावनाएं | भारत की रक्षा क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए स्वदेशी उत्पादन और नवाचार पर ध्यान केंद्रित। |

