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मध्य प्रदेश नदियों से अतिक्रमण हटाए जाएंगे

मध्य प्रदेश नदियों से अतिक्रमण हटाए जाएंगे
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मध्य प्रदेश नदियों से अतिक्रमण हटाए जाएंगे

| पहलू | विवरण | |--------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | अभियान | मध्य प्रदेश में नदियों और तालाबों से अतिक्रमण हटाने का अभियान | | ध्यान में नदियाँ | सरस्वती नदी और कान्ह नदी | | प्रमुख कार्य | - नदियों के 30 मीटर के भीतर कोई अतिक्रमण नहीं।<br> - 20 शहरी तालाबों और 56 ग्रामीण तालाबों से अतिक्रमण हटाना।<br> - तालाबों में सीवर के पानी को प्रवेश से रोकना।<br> - जिले में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान। | | सरस्वती नदी | - इंदौर से बहती है।<br> - कान्ह नदी के कारण प्रदूषित।<br> - क्षिप्रा नदी में मिल जाती है। | | क्षिप्रा नदी | - चंबल नदी की सहायक नदी।<br> - विंध्य पर्वतमाला के ककरी-टेकड़ी से निकलती है।<br> - प्रमुख सहायक नदियाँ: खान और गंभीर। | | कान्ह नदी | - इंदौर से बहती है।<br> - 1990 के दशक से सीवर का पानी लेकर बहती है।<br> - स्मार्ट सिटी इंदौर परियोजना का हिस्सा।<br> - 3.9 किमी रिवरफ्रंट विकसित।<br> - स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत पुनरुद्धार। | | वित्तपोषण | - नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कान्ह और सरस्वती नदियों की सफाई के लिए 2023 में 511.15 करोड़ रुपये स्वीकृत। |

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